क्या कैंसर फाउंडेशन में अनियमिततायें हो रही है?

क्या कैंसर फाउंडेशन में अनियमिततायें हो रही है?

आपको मेरे निम्नलिखित प्रश्न तो याद ही होंगे,

▪️ रोटरी कैंसर फाउंडेशन किस तरह के कार्य करती है और इसकी जानकारी कहाँ से मिल सकती है?
▪️ यह संस्था कब से चल रही है और प्रत्येक वर्ष इस संस्था में कितना पैसा इकठ्ठा होता है?
▪️ एकत्रित पैसा किन मदों में खर्च किया जाता है और उसका लेखा-जोखा कहाँ से मिल सकता है?
▪️ इस संस्था के लेखा-जोखा में किस तरह की पारदर्शिता रखी जाती है और इसके parameters क्या हैं?
▪️ इस संस्था के बैंक खातों में कितना पैसा एकत्रित है और उस पैसे से भविष्य के लिए क्या Planning करी गयी है?
▪️ रोटरी कैंसर फाउंडेशन में नेतृत्व का चुनाव कैसे होता है और इसकी पारदर्शिता कैसे तय होती है?

ऐसे ही मेरे बहुत से सवाल और हैं और उन पर आगे चर्चा करेंगे।
बताया जाता है कि यह संस्था कैंसर पीड़ितों की मदद करती है और AIIMS में Rotary का प्रबंध है लेकिन जब मैंने एक ऐसे ही पीड़ित के लिए मदद चाही तब सब प्रयास विफल रहें और अंत में धर्मशिला कैंसर अस्पताल में उस व्यक्ति का इलाज़ हुआ और इसी कारण मेरे मन में यह प्रश्न आये कि कहीं यहाँ भी तो भ्रस्टाचार व्याप्त नहीं है!

रविंद्र गौतम

उपरोक्त सवालों के जवाब एक रोटेरियन के तौर पर मैं जानना चाहता था लेकिन जैसी उम्मीद थी वैसा ही हुआ किसी भी प्रश्न का जवाब कहीं से नहीं मिला।
मुझे बताया गया की इन सभी सवालों के जवाब अजय नारायण से मिलेंगे क्योंकि वह Secretary General हैं, लेकिन उनसे भी कोई जवाब नहीं मिला।
अजय नारायण ने १० से १५ दिनों के बाद PDG अनूप मित्तल का हवाला देते हुए मुझे फोन पर संपर्क किया था कि उन्होंने कहा है की आप से बात करूँ और मामले को सुलझाऊँ, मैंने उनसे एक साक्षात्कार के लिए कहा लेकिन उन्होंने बताया कि अभी वह बीमार हैं और तीन-चार दिन बाद सम्पर्क करेंगे लेकिन अभी तक कोई संपर्क नहीं हुआ

उनसे फोन पर वार्तालाप के दौरान कुछ बातें पता चली जो कि हैरान कर देने वाली हैं
▪️ दी कैंसर फाउंडेशन में कितने सदस्य हैं इसकी सही सही कोई जानकारी नहीं है
▪️ जब सदस्यों कि संख्या, उनके नाम और नंबर नहीं पता तो इस संस्था के पदाधिकारियों का चुनाव कैसे होता है, कौन चुनता है इन पदाधिकारियों को?
▪️ इससे यह पता चलता है कि चुनावों में कोई पारदर्शिता नहीं हैं
▪️ उन्हीं लोगों को चुनावों कि सूचना दी जाती होगी जो सदस्य इन पदाधिकारियों के समर्थन में वोट कर सकें

इससे यह बात साफ़ समझ आती है कि कैसे एक व्यक्ति लगातार पिछले कई वर्षों से Secretary General के पद पर कब्ज़ा जमाये बैठा हुआ है क्योंकि जब चुनाव की सूचना ही सभी सदस्यों को नहीं मिल पाती तो कैसे इस चुनाव में प्रत्यासी आवेदन करेगा?

दी कैंसर फाउंडेशन एक सामाजिक संस्था है और इस संस्था में रोटेरियंस अपना यथासंभव योगदान देते हैं तो इस संस्था में पारदर्शिता क्यों नहीं बरती जा रही है या जैसा लोग इस संस्था के विषय में पीठ पीछे बातें करते हैं की यह भी पैसा कमाने का एक तरीका है

मैं अभी भी उम्मीद करता हूँ की अजय नारायण अपने अति व्यस्त समय में से कुछ समय एक साक्षात्कार के लिए निकालेंगे और संस्था के प्रति उठ रहे सवालों के जवाब देंगे

मैं डिस्ट्रिक्ट गवर्नर जीतेन्दर गुप्ता से अनुरोध करूँगा की इस संस्था को पारदर्शी बनायें और इसके पदाधिकारियों के चुनाव पूरी पारदर्शिता के साथ कराएं तथा संस्था के आर्थिक लेखा जोखा और जा रहे कार्यों का पूर्ण विवरण डिस्ट्रिक्ट के सभी सदस्यों को उपलब्ध कराएं

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