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इजराइल हमास युद्ध के बीच कैसा रहेगा भारतीय Share Market

नमस्ते मैं हूँ रविंद्र गौतम और आप देख रहे हैं Bluntly Speaking आज हम बात करने जा रहे हैं कि भारतीय शेयर बाजार का क्या रुख रहेगा आने वाले समय में क्योंकि जिस तरह से स्थितियां बदली हैं यानी कि इजरायल और hamas के बीच में एक तरह का युद्ध छिड़ गया है जिस तरह का हमला रहा है और आने वाले समय में क्या ये एक बड़े युद्ध का भी रूप ले सकता है और उसके चलते आज सोमवार को भारतीय शेयर बाजार के साथ-साथ बाकी भी दुनिया के शेयर बाजार गिरे और शुरुआती दौर में जिस तरह से भारतीय शेयर बाजार लुढ़का और जब बंद हुआ वो निफ्टी 141 point माइनस के साथ और बैंक निफ्टी 474 पॉइंट माइनस के साथ में बंद हुआ और साथ में ये भी देखने में आया कि जो निफ्टी के शेयर्स थे उसमें तकरीबन 86% जो शेयर्स रहे वह भी माइनस में ही बंद हुए तो क्या आने वाले समय में जितने दिन ये युद्ध चलता है, क्या इसमें भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखी जा सकती है या किस तरह का रुख रहेगा या भारतीय शेयर बाजार के ऊपर इस युद्ध का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है क्योंकि जिस तरह से हमने देखा था रूस और यूक्रेन का जब युद्ध शुरू हुआ था तो लगातार भारतीय बाजार में गिरावट आई थी इसी विषय पे आज हम चर्चा करेंगे SMC Group के CMD सुभाष अग्रवाल जी से, सुभाष जी आपका बहुत-बहुत स्वागत है।

सुभाष अग्रवाल:
हाँ जी, धन्यवाद रविंद्र जी मेरा सभी viewer को नमस्कार जी

रविंद्र गौतम:
सुभाष जी तो ये आप बताएं दर्शकों के जो ये इजरायल और के बीच में जो तनातनी है और जिस तरह से हमला हुआ है और युद्ध क्या shape ले सकता है और बड़े युद्ध में बदल सकता है क्या और उसके चलते जो बाजार है उसका क्या रुख रहेगा?

सुभाष अग्रवाल:
देखो Saturday को Hammas ने Israel पे attack किया जी Israel जिसकी Musad intelligence world में number one मानी जाती है बहुत strong मानी जाती है जी इनका Iron Dom अभेद माना जाता है मतलब वो सपने में भी नहीं सोच सकते थे कि कोई इतना बड़ा attack कर सकता है ने उनपे लगातार पाँच हजार rocket दो interval में ढाई ढाई हजार के करीब rocket भागे उससे पहले उनकी strategy थी para-gliders से वो उतर गए इजराइल में enter कर गए मोटरसाइकिल से पांच सौ से हजार लड़ाका इजरायल में घुस गए फिर ट्रकों से गन लेके वहां घुस गए जो मिला उनको मार और फिर राकेट दागे। तो उनका जो रडार था वैसे वो रडार नब्बे परसेंट कोई भी रॉकेट आता है तो उसको खत्म कर देते हैं हवा में और वो इतने रॉकेट दाग दिए क्योंकि ये इनको पहले भी रॉकेट इन्होंने दागे थे तो उन्होंने देखा था रॉकेट पिचासी नब्बे परसेंट उड़ा दिए जाते हैं तो इनको पता लग गया था कि ये quantity बहुत बड़ी करनी पड़ेगी और उससे क्या हुआ कि रडार फेल हो गया। और detect बंद कर दिया तो वो system इनका अभेद था वो fail हो गया दीवार भी concrete की बनाई हुई थी उसको तोड़ दी इन्होंने उसके बाद उनका जो ISF system है ah police ah वो भी उन्होंने जो शुरुआत में जो आए उनको मार गिराए एकदम सोची समझी ताकत के साथ ये attack किया और इसके अंदर कोई अकेले नहीं है कई कंट्रीयों के मुसलमान कंट्रीयों का साथ है Iran भी हो है, Lebanon भी हो सकता है, देखो आज भी fifty seven Muslim countries हैं। कोई openly किसी ने भी इनके attack को criticize नहीं किया। और इन्होंने मानवता बिल्कुल भी नहीं दिखाई। ये Saturday को एक छुट्टी थी, इजराइल में लोग अपना मौज-मस्ती कर रहे थे। उनको सपने में भी ख्याल नहीं था, कि ऐसा कोई attack हो सकता है। वहां जा के इन्होंने ladies को अह उनके साथ rape किया, उनकी वीडियो बनाई, उनको मार दिया, आदमियों को मार दिया। कुछ लोगों को kidnap कर लिया। तो ऐसी भयंकर हजार के करीब इजराइल इस attack में मारे गए। जैसे आपने देखा होगा छब्बीस-ग्यारह का attack था तो वो एक particular दो बिल्डिंग में तीन बिल्डिंग में हुआ था और particular न्यूयॉर्क वगैरह में। ये different-different cities में इन्होंने अह रॉकेट दागे। और वो रॉकेट में भी capacity देखो तो कोई बीस किलोमीटर पौने दो सौ किलोमीटर तक की उनकी capacity थी। जो कि unbelievable है। ये इन्होंने ऐसी technology सीखी है कि अपने आप शायद develop भी है देसी राकेट भी है और इतनी उनकी
बड़ी क्वांटिटी में इन्होंने रॉकेट तो ये मतलब इनका वर्ल्ड वाइड एक नाम था इजराइल का लोग इनसे हथियार खरीदते थे इनकी intelligency के कायल थे वो एक बहुत बड़ा इनको एक psychological एक सेटबैक दे दी

जी अच्छा जहाँ तक आपको ग्लोबल मार्केट और इम्पैक्ट इंडियन मार्केट का इम्पैक्ट है तो देखो इंडियन मार्केट जो क्लोज हुआ है वो एक परसेंट लेस ही क्लोज हुआ है मतलब जी पॉइंट सेवन परसेंट कोई नहीं है. ये ये अभी मॉनिटरिंग स्टेज के ऊपर है यदि ऑयल कंट्री जिसमे इन्वोल्व हो जाते हैं जैसे लेबनान ने अटैक कर दिया इन्होंने लेबनान के बॉर्डर एरिया पे अटैक किया हुआ है यदि बड़े वेम में ईरान आ जाता है ऑइल की सप्लाई disrupt हो जाएगी सिप के किराएबढ़ जाएंगे बहुत सारी चीजें तब
इसका इम्पैक्ट आना शुरू होगा अभी कोई इंपैक्ट आज की तारीख में मंडे को या ग्लोबली भी आप देखें जो जो कंपनियां वहां पे उनकी प्रेजेंट है उनके शेयर घटे हैं

मैं आपको शेयरों के नाम बता सकता हूं जैसे अडानी पोर्ट है उनके पास हाईफा पोर्ट इनका है उसके मालिक है इजराइल के अंदर उसका पांच परसेंट अडानी पोर्ट पे गिर गया फार्मा वहाँ इनके links हैं। pharma है वो दो-तीन percent गिर गया even टीसीएस है। वो है तो ये इस तरह से particular जिनका presence है। या हमें जहाँ export होता है हम refined petrochemicals refined crude इनको भेजते हैं। सात-आठ बिलियन यूएस डॉलर का इनको भेजते हैं। वो सब affect होगा। हमारा trade current account deficit जो इसराइल से हम export करते थे या import करते थे वो सब चीजें बुनियादी तौर पे यदि ये war लंबा खींचता है देखो ये रसिया और युक्रेन वो दोनों में फिर भी एक ही क्रिश्चियन क्रिस्चियन है लेकिन येूदी वर्सेज इस्लाम और इस्लाम में है तो ये यदि ये भयंकर रूप **** **** तो it can be turned turn two third world war जो

रविंद्र गौतम:

हाँ इजरायल ने शायद कहा भी है आज कि अगर अब हम अगर उस पे आएँगे तो फिर middle ईस्ट की जो है ना situation ही शकल ही बदल जाएगी बदल जाएगी

सुभाष अग्रवाल:

हमाश को ये खत्म कर देंगे ये अब नहीं चाहते कि इनको opportunity मिली है कि हमांस को ये हमेशा वो जगह चाहते थे हम आज को बिल्कुल खत्म कर देना चाहते हैं उनका नामों निशान मिटाना देना चाहते हैं लेकिन इसका ये इसमें हमाश के ही मुस्लिम नहीं है। जैसे मैंने कहा fifty seven countries अह directly indirectly अह इनको ninety परसेंट countries तो उनको direct सपोर्ट कर रहे हैं। वोsilent है, वो इनको against में नहीं है, इजरायल के सपोर्ट में नहीं है।
तो हो सकता है वो देखें हाँ हो सकता है उनकी हाँ मतलब wait and watch है wait and watch है इंडिया का इंडिया का रुख स्पष्ट है कि हम इसराइल के साथ है लेकिन आज आपने देखा होगा तो अलीगढ में प्रोटेस्ट हो गया तो ये जो मुस्लिम समुदाय में थोड़ा है कि इनमें कट्टरवादिता है ये अपने religion को priority देते हैं इन country की बजाय तो ये अपनी country के सपोर्ट में नहीं हम इजरायल को support कर रहे हैं तो हमें भी इजरायल के support में रहना चाहिए, लेकिन वो protest में थे आज। तो इससे ये दर्शाता है कि ये problem अह यदि बढ़ना चाहे तो बहुत भयंकर रूप ले सकती है।

रविंद्र गौतम:

अभी बिल्कुल आप सही कह रहे हैं, ये जो इस्लामिक धर्म है, ये बड़ा कट्टरवादी है और जिस तरह से अगर अह बड़ा कहते हैं ना बहुत ही खतरनाक रूप ले सकता है, लेकिन ये सारी चीज में अगर मान लीजिए खतरनाक रूप लेता है, मतलब मैं समझता हूँ एक सेकंड stage और latest stage की बात होगी, जब और देश अगर खुल के सामने आने लग जाएंगे। लेकिन अगर अभी हम देखें कि जैसे इस हफ्ते की बात करें चार दिन रहते हैं अह ट्रेडिंग के तो इस दौरान क्या मार्केट में और गिरावट संभव है या जितनी आज गिरनी थी गिर गई और भारतीय अह जो हमारी शेयर मार्केट है वो अपने आप में स्ट्रोंग है तो उसका बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अगर आपने देखा हो आज सुबह जो है ना गिरी तो बड़ी तेजी के साथ थी दस-पंद्रह मिनट के अंदर और फिर उसके बाद वो फिर वापस उसने रिकवर कर लिया मोटा-मोटा हाँ फिर दोबारा गिर गई लेकिन फिर भी उतनी नीचे नहीं आई कि जहाँ पे अह उसने अह शुरुआत में सुबह उसने ली थी सपोर्ट बनाया था हमें इम्पोर्टेन्ट फैक्टर क्या है? क्रूड के प्राइसेस आज साढ़े अठासी डॉलर के हिसाब तक चले गए थे ये भी ब्रांड क्रूड अठासी पॉइंट सेवनटी सिक्स और यूएसडब्ल्यूटीआई वो भी पाँच परसेंट बढ़ के सतासी पॉइंट जीरो टू डॉलर पर बैरल हो गया यूएस डॉलर पर बैरल तो ये भी मान लो कल को ईरान डायरेक्ट यूथ में आ जाता है और मिडिल ईस्ट कंट्रीज आ जाता है तो फिर ऑयल सप्लाई पॉसिबल नहीं हो पाएगी क्योंकि वो शिप के रेट बढ़ जाएंगे बोंड के एल्ड कम होने शुरू हो गए हैं, उनके प्राइसेस बढ़ने शुरू हो गए। और ये अह inflation अह और बढ़ जाएगा जैसे यूएस में अभी inflation stagnant टाइप का हो गया था डाउन की तरफ था और इंटरेस्ट rate अह अभी अह further hike नहीं हो रहे थे तो further hike inflation बढ़ेगा तो interest rate बढ़ेंगे।

मतलब यूएस इंटरेस्ट rate बढ़ाता है तो यूरोप भी बढ़ाना पड़ेगा, यूरोप बढ़ाता है। तो इंडिया को भी और मजबूरन बढ़ाना पड़ेगा तो इससे सब चीज disturb होने लगेगी फिर वो inflation बढ़ता है unemployment घटेगी और चीजें तेज होगी और production घटेगा ये सारी चीजें manufacturing disincentive हो जाएगा। bond के rate बढ़ जाएगा। bond की heel घटेगी। तो ये सारी चीजें एक start हो जाएगा पैसा market से निकल के develop market में चला जाएगा। gold के paid rate बढ़ जाएंगे, silver के rate बढ़ जाएंगे। है ना? तो बहुत सारी चीजें हमारी trade deficit fiscal deficit बढ़ जाएंगे। current account deficit में problem start हो जाएगी। oil के rate बढ़ेंगे तो inflation बढ़ेगा अह important inflation हो जाएगा, oil के prices बढ़ेंगे तो और इसका कोई limit नहीं है। आज नब्बे के आसपास है, कल को पंचानवे dollar per barrel भी हो सकता है फिर सौ ये हमें wheat and watch हमें इंतजार करना पड़ेगा। और यदि ये खत्म हो जाता है। तो वापिस चीजें normal start हो जाएगी और mark मैं जैसे इंडियन मार्केट मैंने अपनी स्पीच में भी बताया था आज मान लो ये युद्ध नहीं होता शनिवार को तो इंडियन मार्केट आज बढ़ता. हाँ पाँच सौ पॉइंट घटा है कहाँ चार सौ पाँच सौ पॉइंट बढ़ जाता. तो ये हजार पॉइंट का इम्पैक्ट इसको देखो आज का भी. है नहीं? तो ये मतलब और ऐसे क्वार्टरली रिजल्ट्स वगैरह अभी बढ़िया है लेकिन फिर नेक्स्ट क्वार्टर के हमारे हिट हो जाएंगे. तो मतलब इफेक्ट तो सभी होंगे. लेकिन एस सच अभी कोई पैनिक सिचुएशन नहीं है. और हो कि उन्नीस हजार दो सौ, तीन सौ, सौ यदि ये आता है तो यहाँ पे बाइंग भी बन जाए और यदि कुछ फरदर situation खराब नहीं होती है, तो it can be a very good buy at that रेट सुभाष जी सुभाष जी क्या जिस तरह की situation है क्या हम दो-चार, पांच दिन में क्या निफ्टी को हजार पॉइंट तक गिरता है, हम देख सकते हैं क्या? संभव होए या नहीं, इतना वीक नहीं हो
सकता, मतलब अठारह पांच सौ के आस-पास मतलब ये यदि पैनिक आती है, पैनिक एक ही चीज पे आती है कि ये middle east countries involve हो जाए। involve हो जाए। जी हाँ डायरेक्ट involve हो जाए। अगर वो के अंदर इतनी capability नहीं थी वो ऐसा attack कर सके। इतना बड़ा इसमें attack कर सके। हाँ इसमें definitely लेबनान का कटर का ईरान का पाकिस्तान का भी ट्रेनिंग जिनके आदमियों को पाकिस्तान ने ट्रेनिंग दी होगी, ऐसे बहुत सारी कन्ट्रीज में डायरेक्ट इनडायरेक्ट इनका हाथ है, कोई फंडिंग कर रहा है, कोई ट्रेनिंग दे रहा है, कोई हथियार दे रहा कोई हथियार की टेक्नोलॉजी दी है। है नहीं? अब इनके पास ऐसे चार हेलीकॉप्टर इन्होंने गिरा दिए। इजरायल के है ना तो ये कोई आसान नहीं है इनके ये तो एक क्योंकि उनकी monitoring इतनी जबरदस्त थी कि वहाँ पे कोई चिड़ी का पत्ता भी definitely इनको पता लगता था।

बिल्कुल सुभाष जी ये सही है कि जिस तरह का हमला हुआ है ये बिल्कुल संयोजित हमला था और बिना अह बाहरी एक्सटर्नल सपोर्ट के नहीं कर सकता था। लेकिन उसी के चलते जो हम की बात कर रहे थे कि मान लीजिए इन्वेस्टर है इस समय वो क्या करें? वो वो भी वेट एंड वॉश करें. कि मार्केट ऐसा ना करें कि अगर चलिए कल चार सौ पॉइंट गिर गया तो वो इन्वेस्ट अह कर दे बल्कि वो देखे कि कब तक कहाँ तक गिर रही है, उसके बाद वो अह इन्वेस्ट करना शुरू करे, अपनी वो चालू करे.

देखो आज जो मार्केट गिरा है, उसमें सिर्फ एक पॉइंट था. कि नहीं था. मतलब कोई नहीं कर रहा है, लेकिन तो ये की जो एब्सेंस है, ये जब कभी का मार्केट होता है, क्योंकि बायर ये सोचता है, खरीद के क्या मिलेगा, अभी बढ़ेगा तो है नहीं.
ये है कि यदि आप डेली बेसिस पे वेट एंड वॉच कर रहे हैं तो मार्केट धीरे-धीरे धीरे गिरता है. तो यदि हम हाँ जी सुभाष जी जिस तरह से भी हम बात कर रहे थे कि भई शेयर मार्केट गिर रहा है लेकिन अह चांदी में सोने में और क्रूड ऑइल में उछाल है और जिस तरह से आपने बताया सत्तासी, अठासी डॉलर के ऊपर क्रूड ऑइल था तो क्या अगर जब ये मिडिल ईस्ट वगैरह इसमें शामिल होते हैं दूसरे देश और खुल के सामने आते हैं तो क्या ये जो क्रूड ऑइल है ये डबल भी हो सकता है जैसे लास्ट टाइम हमने देखा था एक बार एक सौ पेंसठ, एक सौ सत्तर डॉलर पर barrel तक गया था तो क्या वहाँ तक भी भाव जाएगा, जा सकता है या उससे भी स्थिति खराब हो जाएगी? देखो ऐसा है middle east का ये thirty forty percent one third thirty forty percent world का supply है ऐसा नहीं है कि सभी कुछ है और आजकल धीरे-धीरे oil के ऊपर मैंने बताया कि जैसे कम हो रही है। है ना? जी तो ये भी एक impact है और फिर और भी resources हैं। बहुत ज्यादा ये point ऐसा नहीं है कि बहुत ज्यादा तेजी जाएगी crude के prices में और वो भी मान लो खाली ईरान include होता है तो दूसरे लोग सऊदी अरबिया है दूसरे लोग supply कर देंगे और रशिया भी producer है और even reserve इसके पास भी यूएस के पास भी अपना crude का reserve रहता है। वो भी पॉइंट तो वो भी अपना अच्छा प्रोडक्शन दे सकते हैं। एक्सपोर्ट तक भी कर सकते हैं और बहुत सारे countries हैं। तो ऐसा कोई pending वाली चीज नहीं है। हाँ definitely सौ डॉलर एक सौ डॉलर तक जा सकता है. यदि कोई middle east country इसमें involve होते हैं. इसमें involve और panic वाली बात अभी लगती नहीं है. अभी और फिर इंतजार करना बनता है. अभी तो मैं सोचता हूँ उन्नीस सौ हज़ार, दो सौ, सौ, दो सौ पे यदि आता है तो it can be ये good buy also for long term. यानि कि आपका suggestion हाँ उन्नीस हजार, सौ या दो सौ तक आता है तो ये good buy बनती है. तो overall
कह रहा हूँ क्योंकि जो कि possibility बहुत ज्यादा नहीं है। कि आप war इतना फैल जाएगा कि बहुत बड़े level पे फैल जाए third world war हो जाए ऐसी possibilities कम नजर आ रही है यदि वो possibilities होती है तो कुछ भी market जा सकता है ये containment तो it can be good क्योंकि कई बार panic में एक bottom आता है उसपे स्मार्ट investors उसको purchase करता है तो वो weight and watch वाली भी थ्योरी है कुछ लोग रिस्क ले के काम कर सकते हैं तो उन्नीस हजार दो सौ can be good level उन्नीस अह धन्यवाद सुभाष जी और नजर बनाए रहते हैं कि market पे और उनके दोनों देशों के युद्ध पे कि किस तरह से आए। और उसी के साथ अगर जितने भी निवेशक हैं इस समय वाकई में उनको invest करना चाहिए जिससे सुभाष जी ने बताया कि उन्नीस हजार सौ या दो सौ तक आए तब आप उसमें भी ऐसा नहीं कि आप पूरी तेजी के साथ में investment का buying करने शुरू कर दें। क्योंकि वहाँ भी आपको देखना है कि हो सकता है further भी अगर मान लीजिए हालात और बिगड़ते हैं तो फिर मार्केट थोड़ा सा और नीचे नॉर्मल वे में नॉर्मल वे में अभी पोजीशन कोई लेना बनता ही नहीं है नॉर्मल है नहीं लेकिन आप रिस्क के साथ सौ दो सौ का लेवल आता है तो रिस्क के साथ दस बीस परसेंट पच्चीस परसेंट बाइन कर सकते हो आप अपने जितना उसका अमाउंट दस परसेंट कर सकते हैं. हाँ. चलिए सुभाष जी बहुत-बहुत धन्यवाद आपका और मैं समझता हूँ निवेशक भी बड़ी नजरें अपनी गड़ाए रहते हैं और वो भी अलग-अलग तरह से अलग-अलग sources से जानकारी ढूंढते रहते हैं कि भाई उनको अपने पैसे को कैसे संभालना है money wise, we wise जो आपकी कंपनी का टैग लाइन है वो भी बहुत सही है कि भैया money wise जो है ना आपको बुद्धिमत्ता दिखाते रहनी चाहिए,
धन्यवाद, नमस्ते नमस्कार जी,

धन्यवाद

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