शादी में परिवार को मिलाकर 100 से ज्यादा मेहमान नहीं, 10 से ज्यादा पकवान नहीं, वर-वधु को 2500 रुपए से अधिक के गिफ्ट नहीं दिए जाने चाहिए
विशेष अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकथाम विधेयक 2020 लोकसभा में चर्चा में
विशेष अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकथाम विधेयक 2020 को शुक्रवार को लोकसभा में चर्चा के लिए रखा गया. इस विधेयक में शादी में बनने वाली डिशेस, मेहमानों की संख्या और कपल को दिए जाने वाले गिफ्ट की कीमत तय करने का प्रावधान है.
पंजाब के खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने जनवरी 2020 में यह प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था, जिसपर 4 अगस्त 2023 को सदन में चर्चा हुई.
इस बिल में प्रावधान है- शादी में दूल्हा और दुल्हन के परिवार को मिलाकर 100 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए. शादी में 10 से ज्यादा डिश नहीं बनाई जानी चाहिए. वहीं, कपल को दिए जाने वाले गिफ्ट की कीमत 2500 रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सबसे पहले मैंने अपने परिवार में इसे लागू किया है. 2023 में मैंने अपने बेटे और बेटी की शादी की थी, उसमें 30 से 40 गेस्ट ही शामिल हुए थे.
जसबीर सिंह का कहना है कि इस विधेयक का उद्देश्य फिजूलखर्ची वाली शादियों की संस्कृति को खत्म करना है. ऐसी शादियों में दुल्हन के परिवार पर बड़ा आर्थिक बोझ पड़ता है.
लोकसभा में उन्होंने कहा- फिजूलखर्ची वाली शादियों में परिवार को अपनी प्रॉपर्टी बेचनी पड़ती है. बैंक से लोन लेना पड़ता है. इस बिल के पास होने से कन्या भ्रूण हत्या को रोकने में मदद मिल सकती है, क्योंकि लोग लड़की को बोझ के रूप में नहीं देखेंगे.
कांग्रेस सांसद ने बताया कि मैं साल 2019 में फगवाड़ा की एक शादी में शामिल हुआ था. वहां 285 ट्रे में व्यंजन थे, जिनमें से 129 ट्रे ऐसे थे जिससे किसी ने एक चम्मच डिश भी नहीं ली थी. यह सारा खाना बर्बाद हो गया. जिसके बाद ही मैंने इस विधेयक की परिकल्पना की थी.
इससे पहले मुंबई उत्तर से बीजेपी सांसद गोपाल चिनय्या शेट्टी ने दिसंबर 2017 में ऐसा ही विधेयक पेश किया था, जिसमें शादियों में होने वाले फिजूलखर्चों पर रोक लगाने की मांग की गई थी. वहीं, फरवरी 2017 में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने शादियों में आमंत्रित किए जाने वाले मेहमानों की संख्या और परोसे जाने वाले व्यंजनों की सीमा तय करने के लिए एक बिल पेश किया था.
विशेष अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकथाम विधेयक 2020 पर अब सदन में चर्चा होगी.