रोटरी डिस्ट्रिक्ट ३०११ को अंदरूनी राजनीति की वजह से एक अस्पताल नहीं मिल पाया

राजेश गुप्ता चुनावों से पीछे क्यों हटे 

राजेश गुप्ता से हुई मुलाक़ात में उनसे उनके गवर्नर पद के लिए चुनाव में भाग न लेने को लेकर विस्तृत बात चीत हुई, उन्होंने कहा मेरा मन रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 में व्याप्त अनैतिक गतिविधियों को लेकर खिन्न है और इसी कारण मैंने फिलहाल चुनावों में भाग न लेने का मन बनाया है 

उन्होंने कहा यहाँ पर गवर्नर चुनावों में क्लब के प्रेसिडेंटस पर अपने समर्थित प्रत्यासी को वोट देने के लिए अनुचित दबाव बनाते हैं, डिस्ट्रिक्ट में पद रेवड़ियों की तरह बाँटते हैं, प्रत्याशियों से अनाप सनाप पैसे खर्च करवाते हैं, प्रेसिडेंटस को उपहार दिलवाते हैं, पार्टियों का आयोजन करवाते हैं, छोटे क्लबों के बकाया तक भरते हैं यह सब काम सिर्फ गवर्नर का चुनाव जीतने के लिए करते हैं, रोटरी इंटरनेशनल कहता है कि गवर्नर चुनावों में निष्पक्ष रहेगा लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा होता नहीं है, यदि आप इसकी शिकायत ऊपर करते हैं तो कोई सुनवाई नहीं होती और डिस्ट्रिक्ट के अधिकारी कहते हैं कि हमारी ऊपर तक सेटिंग है और मैंने अपने मामले में इस बात को  सच पाया 

उन्होंने आगे कहा कि रोटरी डिस्ट्रिक्ट में पिछले कई वर्षों से बड़े प्रोजेक्ट्स नहीं हुए, रोटरी पब्लिक स्कूल, रोटरी ब्लड बैंक और रोटरी विकलांग केंद्र जैसे प्रोजेक्ट्स जो डिस्ट्रिक्ट 3011 के नाम को गौरान्वित करते हैं लेकिन अब गवर्नर के

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Maharaja Agrasen Sat Narain Gupta Hospital, Bahadurgarh

पास इस तरह के नए प्रोजेक्ट्स करने की न कोई मंशा होती है न वह करना चाहता है, क्योंकि यदि वह करना चाहें तो इससे भी बड़े प्रोजेक्ट्स किए जा सकते हैं, जैसे कि मैं रोटरी के बड़े प्रोजेक्ट्स में एक बड़े अस्पताल का नाम जोड़ना चाहता था, जसकी मैं पिछले कई वर्षों से रोटरी में प्रयास कर रहा था, लेकिन यहां राजनीति में अंधे हो चुके लोग सेवा से पहले अपने आप को रखते हैं, खैर मुझे तो सेवा के लिए अस्पताल खोलना था और मैंने बहादुरगढ़ में 350 बिस्तरों का अस्पताल अपने पिताजी के नाम से महाराजा अग्रसेन सतनारायण गुप्ता हॉस्पिटल की शुरुवात कर दी, जहां हमने परिवार की तरफ से 2.5 मिलियन डॉलर का योगदान दिया है, लेकिन मुझे इस बात का अभी भी अफ़सोस होता है कि इस अस्पताल में रोटरी का नाम जुड़ सकता था लेकिन यह डिस्ट्रिक्ट की गन्दी राजनीति की भेंट चढ़ गया   

राजेश गुप्ता ने बताया कि डिस्ट्रिक्ट 3011 में व्याप्त आर्थिक अनैतिक गतिविधियां एक बहुत गंभीर मसला है और इसको लेकर वह बहुत व्यथित हैं, अधिकतर पिछले गवर्नरों पर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं लेकिन उन पर कोई कार्यवाही नहीं होती और सभी गवर्नर अपने अकाउंट देर-सवेर साठ गाँठ कर के पास करवा लेते हैं, ऐसा लगता हैं कि यह चंद लोग रोटरी में अपनी सेवा के लिए आते हैं और ऐसे लोग ही रोटरी का नाम बदनाम करते हैं 

यदि कोई AKS गवर्नर बनता हैं तो क्या तब भी आर्थिक अनियमिततायें होने की सम्भावनायें है, इस सवाल के जवाब में राजेश गुप्ता ने कहा कि ऐसा व्यक्ति जो करोड़ों रुपए अपनी मेहनत की कमाई से रोटरी में समाज की सेवा के लिए दान कर रहा है उस व्यक्ति से आप ऐसी उम्मीद नहीं कर सकते, जो व्यक्ति करोड़ों रुपयों का दान कर रहा है उसकी सोच ऐसी नहीं होती

यहां पर यह जानना आवश्यक है कि राजेश गुप्ता, रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011, बल्कि पूरे उत्तर भारत में रोटरी में  सबसे अधिक दान करने वाले रोटेरियन हैं, उन्होंने अब तक रोटरी में एक नौ लाख डॉलर(रु 75,726,000) का दान कर चुके है, इस वर्ष एक लाख डॉलर का दान और करेंगे, जिससे उनकी एक मिलियन डॉलर की शपथ पूर्ण हो जायेगी 

यदि आप भविष्य में गवर्नर पद के लिए आगे आते हैं और चुने जाते हैं तो क्या ऐसा करेंगे जिससे डिस्ट्रिक्ट के सदस्य बड़ा बदलाव महसूस करेंगे, इस प्रश्न के जवाब में राजेश गुप्ता ने कहा कि रोटरी में गवर्नर एक बड़ा पद होता है और उस पद की गरिमा जिस तरह से कम हुई है वह नहीं होना चाहिए और सबसे पहले मैं गवर्नर पद की गरिमा को पुनः स्थापित करने का काम करूँगा, गवर्नर की गरिमा मंच पर खड़े होकर बड़ी बड़ी बातें करने से नहीं बढ़ती बल्कि जो कहा है उसे पूरा करने से बढ़ती है, जिन प्रोजेक्ट्स की आप मंच पर खड़े होकर घोषणा करते हैं और तालियां बजवा लेते हैं लेकिन वह पूरे नहीं होते, इससे पद की गरिमा गिरती है न की बढ़ती है, डिस्ट्रिक्ट में तो एक ऐसे गवर्नर हैं जो पिछले दस वर्षों से कई आयोजनों पर मंच पर खड़े होकर AKS बनने की शपथ ली और तालियां बजवाई लेकिन आज गवर्नर चुन लिए जाने के बाद भी वह अपनी शपथ नहीं पूरी कर रहे

डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद की गरिमा पुनः स्थापित करने के लिए सबसे पहले मैं आर्थिक पारदर्शिता पर काम करूँगा, क्योंकि यहाँ पर आप जो पैसा रोटेरियंस से या अन्य संस्थाओं से ले रहे हैं उसका पूरा ब्यौरा कितना पैसा आया और कितना पैसा कहाँ-कहाँ खर्च हुआ उसकी पूरी जानकारी सभी रोटेरियंस को जानने का अधिकार है और मैं इस पर काम करूँगा, पूरी पारदर्शिता बरतुंगा, डिस्ट्रिक्ट में इवेंट्स में हो रही फ़िज़ूलख़र्ची पर अंकुश लगाऊंगा तथा रोटेरियंस की  भागीदारी अधिक से अधिक कैसे हो इस दिशा पर काम करूँगा तथा कुछ ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स करूँगा जो आगे दशकों तक समाज के जरूरतमंदों को लाभ दे सकें और यह सब बातें मैं कोई हवा में नहीं कह रहा हूँ जब  मैं अपने क्लब के प्रेजिडेंट था तब मैंने सवा ६ लाख डॉलर द्वारका में एक बड़े प्रोजेक्ट रोटरी डायग्नोस्टिक सेंटर की स्थापना करी थी जहाँ ब्लड टेस्ट से लेकर सीटी स्कैन तक जरूरतमंदों का निःशुल्क होता है और वह आज भी सफलता के साथ चल रहा है, एक विशेष बात और कि चालीस प्रतिशत इक्विपमेंट बदले जा चुके हैं जिसमे रोटरी का एक पैसा भी नहीं लगा और रोटरी के नाम से आज भी प्रोजेक्ट चल रहा है, और यह एक सेल्फ सस्टेनेबल प्रोजेक्ट है

यह पूछने पर कि आप चुनावों में क्या अगले वर्ष भाग लेंगे तो इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी इस विषय में  निश्चितता पूर्वक कुछ नहीं कह सकता क्योंकि जब तक डिस्ट्रिक्ट का माहौल ठीक नहीं होता तब तक मैं इससे दूर ही रहना चाहूंगा और आगामी दो वर्षों तक तो मुझे कोई उम्मीद नज़र नहीं आती 

अब देखना है कि राजेश गुप्ता चुनावों में कब उतरते हैं, और उतरते हैं तो क्या विजय हासिल होगी और यदि होगी तो क्या आज जो इन्होने कहा है उस पर अमल करेंगे, इनके जवाब तो भविष्य की गर्त में छुपे हैं 

 

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