चुनाव में जीत दिलवाने के लिए DG महेश त्रिखा और DGE रविंदर गुगनानी पूरी तरह सक्रिय और अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त
गवर्नर के पद पर अपने मन चाहे प्रत्याशी को चुनाव में जीत दिलवाने के लिए DG महेश त्रिखा और DGE रविंदर गुगनानी पूरी तरह सक्रिय और अनैतिक गतिविधियों में संलिप्त हो गये हैं
चुनाव जैसे जैसे नज़दीक आ रहे हैं वैसे वैसे चुनावी गतिविधियों की सरगर्मी बढ़ रही है, जितेंदर गुप्ता, महेश त्रिखा और रविंदर गुगनानी की तिकड़ी ने पिछले चुनावों में मुँह की खायी थी, एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाने के बावजूद यह तिकड़ी धीरज भूटानी को जिताने में नामकामयाब रही थी और गुगनानी तो नतीजें के आने के बाद आसुओं से रोये तक थे, उनके अहंकार को सच्चे रोटेरियंस ने बेहतर सबक़ सिखाया था
लेकिन इस बार अब तिकड़ी नहीं जोड़ी है, जिसके पास सत्ता है, जो बेतरतीब तरीक़े से पद बाँट रहे हैं, महेश त्रिखा ने तो पद बाँटने के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले हैं
महेश त्रिखा यह पद अपने मनपसंदीदा प्रत्याशी को गवर्नर का चुनाव जिताने के लिए बाँटे रहे हैं, उन्हें लगता है पद देने से वह क्लब्स के प्रेसिडेंट्स को ख़रीद लेंगे जबकि सच्चाई यह है कि बंद कमरे में किसने किसको वोट दिया इसकी किसी को जानकारी नहीं हो पाती
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि गवर्नर प्रेसीडेंट्स को डराते हैं कि उनको पता चल जाता है कि किसने किसको वोट दिया, जबकि यह सत्य नहीं है
महेश त्रिखा खुले आम गवर्नर पद की प्रत्याशी डॉ. पुष्पा सेठी का समर्थन कर रहे हैं, उन्हें उनके साथ रोटरी के मंचों पर देखा जा सकता है
सूत्रों के अनुसार डॉ. पुष्पा सेठी के क्लब के प्रेसिडेंट की Installation Ceremony के दौरान महेश त्रिखा ने उनका खुलेआम समर्थन किया, रविंदर गुगनानी ने तो इसी महफ़िल में जहां अन्य क्लब के प्रेसिडेंट्स भी मौजूद थे, कहा कि इस बार डिस्ट्रिक्ट में हमें महिला गवर्नर बनाना चाहिए
रविंदर गुगनानी द्वारा क्लब प्रेसिडेंट्स को महिला गवर्नर बनाने की बात कहना तब ग़लत नहीं होता जब मौजूदा चुनाव में सभी प्रत्याशी महिलायें होती या कम से काम दो प्रत्याशी होती, लेकिन चार प्रत्याशियों में एक ही प्रत्याशी महिला है और ऐसे अवसर पर महिला गवर्नर की वकालत करना यह साफ़ करता है कि वह महेश त्रिखा के साथ मिलकर मौजूदा चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं
क्या रोटरी इंटरनेशनल इन दोनों अधिकारियों के चुनाव को प्रभावित करने की गतिविधियों पर संज्ञान लेगा और इन्हें हिदायत देगा कि यह अपनी हरकतों से बाज आयें?
सूत्रों के अनुसार गुगनानी को यह एहसास है कि डॉ. पुष्पा सेठी की जीत आसान नहीं है इसीलिए वह डॉ. सेठी को अपने कार्यकाल में भी चुनावी मैदान में उतारेंगे यदि यह जोड़ी डॉ. पुष्पा सेठी को चुनाव जिताने में नाकामयाब रहती है
अब देखना यह होगा कि PEM-1 में यह जोड़ी रोटरी के सभी नियम क़ायदों की धज्जियाँ उड़ाते हुए अपने पसंदीदा प्रत्याशी को चुनाव जिताने के लिए कौन कौन सा हथकंडा अपनायेंगे या सभी प्रत्याशियों को बराबर मौक़ा देंगे?